आयुर्वेद की मदद से खुजली की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

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आयुर्वेद की मदद से खुजली की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • April 26, 2024

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खुजली की समस्या जोकि कई बार हमे लोगों के सामने शर्मिंदा कर देता है, पर खुजली जैसी समस्या से आयुर्वेद कैसे हमें बाहर निकालेगा ये काफी चर्चा का विषय है, तो अगर आप भी खुजली जैसी समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहना है ;

आयुर्वेद में खुजली की समस्या क्या है ?

  • ज्यादातर छोटी-मोटी त्वचा की समस्याएं, जैसे फफोले, स्किन इर्रिटेशन और सूजन, बाहरी कारणों की वजह से हो सकती है। वहीं, आयुर्वेद के अनुसार क्रोनिक स्किन कंडीशन जैसे कि सोरायसिस, एक्जिमा, पुरानी पित्ती, या मुहांसे की वजह आंतरिक कारण होते है। आयुर्वेद की माने तो रक्त, फेफड़े और यकृत में असंतुलन से उत्पन्न विषाक्त पदार्थ स्किन डिजीज का कारण बनते है।
  • वहीं आयुर्वेद की मानें तो इसमें त्वचा की समस्याओं को जन्म देने वाले विषाक्त पदार्थ अतिरिक्त रक्त धातु से उत्पन्न होते है। 
  • इसके अलावा जब हम गर्म खाद्य पदार्थों, शराब, ज्यादा धूप के संपर्क में रहते है या तेज नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते है, तो स्किन डिजीज की संभावना बढ़ जाती है। 

अगर आप भी इसी तरह की खुजली की समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

खुजली के क्या कारण हो सकते है ?

  • कई बार खुजली के कारणों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन ये समस्या कुछ लोगों में फ़ूड एलर्जी के कारण देखी जाती है। 
  • दवाओं से एलर्जिक रिएक्शन भी कुछ लोगों में देखा गया है। 
  • स्किन डिसऑर्डर जैसे, एक्जिमा, सोरायसिस और ड्राई स्किन के कारण। 
  • कॉस्मेटिक और मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से भी ये समस्या निकल कर सामने आती है। 
  • लीवर, किडनी या थायरॉयड रोग भी इसके कारणों में शामिल है। 
  • ऐसे रोग जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते है, जैसे कि डायबिटीज और दाद की समस्या के कारण।

कौन-सी आयुर्वेदिक थेरेपी खुजली की समस्या में है कारगर ?

  • वमन, जोकि आयुर्वेद का बहुत ही बेहतरीन इलाज है, इसमें आपके अंदर मौजूद विषाक्त प्रदार्थ को उलटी के माध्यम से बाहर निकाला जाता है, और साथ ही ये आपके स्किन में खुजली की समस्या का भी समाधान करते है।  
  • यदि आप शरीर में तेज खुजली, या लाल चक्कते पड़ने की समस्या से परेशान है, तो इससे निजात पाने के लिए आप विरेचन क्रिया का चयन कर सकते है। 
  • आंवला, तेल, जौ, वचा आदि से तैयार किए गए आयुर्वेदिक लेप का अगर आप इस्तेमाल करते है, तो आप बड़ी से बड़ी खुजली की समस्या से निजात पा सकते है। वहीं अगर आप चाहें तो इस लेप को बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में जाकर भी लगवा सकते है।
  • उद्वर्थन, भी बेहतरीन खुजली की समस्या से निजात दिलवाने की आयुर्वेदिक दवा है।

खुजली के इलाज में कौन-सी दवाइयां है कारगर ?

  • गंधक रसायन, शरीर में मौजूद दाद, खुजली के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है। वहीं इस दवाई की बात करें तो ये गुड़, पिप्पली, अदरक, दालचीनी की पत्तियां और छाल, काली मिर्च, शहद आदि जड़ी-बूटियों को मिलाकर तैयार की जाती है।
  • आरोग्यवर्धिनी वटी, दवा न केवल बिमारियों को ठीक करती है, बल्कि पूरी हेल्थ को बेहतर बनाने में हेल्प करती है। इसके इस्तेमाल से दाद, सोरायसिस और एक्जिमा जैसे कई त्वचा रोगों को ठीक करना आसान हो जाता है। 

आयुर्वेद के अनुसार खुजली के मरीज़ को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए !

  • खुजली के मरीज़ को खाने से लेकर पहनने तक का खास ध्यान रखना चाहिए, जैसे खाने की अगर बात करें तो उन्हें, पुराने चावल, मूंग दाल, जौ, ककड़ी, कड़वी पत्तेदार सब्जियां आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
  • हल्का खाना खाएं।
  • सेंधा नमक का सेवन करें।
  • हल्के गुनगुने पानी से नहायें।
  • कैफीन से दूर रहें।
  • आहार और जीवन शैली को मौसम के हिसाब से मैनेज करें।
  • सूती कपड़े पहनें।

सुझाव :

अगर आप खुजली की समस्या से परेशान है, तो इससे निजात पाने के लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

खुजली के कारणों के बारे में विस्तार से जानने के बाद आप किसी बेहतरीन डॉक्टर का चयन करें, पर ध्यान रखें किसी भी तरह के उपाय को बिना डॉक्टर के सलाह पर न इस्तेमाल करें।

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क्या आयुर्वेद में सर्दी, खांसी, गले में खराश व अन्य जुकाम के लक्षणों का इलाज है ?

  • April 12, 2024

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आयुर्वेद में हर बीमारियों का इलाज सदियों से मिलते आ रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं है। वहीं आज के लेख में चर्चा का माध्यम ही होगा सर्दी और जुकाम, तो चलिए जानते है, की ये आयुर्वेदिक उपचार कैसे मदद करेंगे व्यक्ति को इस तरह की समस्या से बाहर निकालने में ;

सर्दी, खांसी या गले में खराश की समस्या क्यों होती है ?

  • गले में खराश के कई कारण होते है, जिनमें अन्य बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण और एलर्जी के कारण भी शामिल है। वहीं गले में खराश के कारणों में सर्दी, फ्लू, नाक से पानी टपकना, एसिड रिफ्लक्स आदि शामिल है।
  • सर्दी-जुकाम व गले में खराश होना एक आम बात है। लेकिन सर्दी-जुकाम होने से पहले आपके गले में दर्द व खराश जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है। वहीं लंबे समय तक गले में खराश होना काफी तकलीफदेह हो सकता है, साथ ही यह आपके गले को भी जाम कर देता है। गले मे होने वाली खराश अन्य बीमारियों की तरह लंबे समय तक नही रहती लेकिन कुछ ही दिनों में यह आपको पूरी तरह से प्रभावित कर बीमार कर देती है।

गले में खराश के लिए कौन-से आयुर्वेदिक उपाय है कारगर ?

  • रोजाना गर्म पानी पिए जिससे आपके गले की खराश ठीक हो सकें। 
  • दिन में कई बार गर्म पानी में नमक डाल कर गरारे करें, जिससे आपको काफी आराम महसूस होगा। 
  • गले में खराश होने पर आप हल्दी वाली चाय का सेवन कर सकते है। 
  • शहद को गले के सूजन से राहत दिलवाने की बेहतरीन आयुर्वेदिक दवाई मानी जाती है, शहद कफ निस्सारक है क्योंकि यह बलगम को साफ करने में मदद करता है, और इसके कुछ गुणों के नाम पर यह पौष्टिक और जीवाणुरोधी है। इसलिए गले में सूजन होने पर आपको एक चम्मच कच्चे शहद का सेवन करना चाहिए। 
  • शहद में सोंठ को मिलाकर खाया जाए तो आपको काफी आराम मिलेगा। क्युकि सोंठ में पाए जाने वाले कुछ यौगिकों में सूजन-रोधी प्रभाव होते है जो गले की परेशानी को कम करते है।
  • तुलसी का सेवन करना काफी सहायक माना जाता है, क्युकि इसका सेवन करने से खांसी से बलगम और गले में दर्द की समस्या से बचा जा सकता है। 
  • मुलेठी गले की खराश की समस्याओं के लिए उपयोगी है। मुलेठी के कफ निस्सारक गुण अत्यधिक बलगम उत्पादन को नियंत्रित करने में भी आपकी काफी मदद कर सकते हैं। 

गले की खराश से निजात पाने के उपायों को अपनाने से पहले एक बार बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

खांसी की समस्या से बचाव के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक उपाय !

  • अगर आप जुकाम में खांसी की समस्या से परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको अदरक के रस में नमक डाल कर उसका सेवन करना चाहिए। 
  • खांसी होने पर आप वासा जिसको अडूसा के नाम से भी जाना जाता है, के पत्ते लें। वहीं बात करें इस पौधे की तो ये आपको कहीं भी मिल सकता है। फिर इसके पत्तों से 7 से 14 मिलीलीटर रस निकाल लें और उसी मात्रा में शहद के साथ दिन में दो बार इसको लेना है।
  • गर्म पानी में शहद डाल कर दिन में दो बार पीने से आपकी खांसी की समस्या दूर हो सकती है।  
  • आप किशमिश, मुलेठी की जड़, खजूर और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना सकते है। खांसी से जल्दी राहत पाने के लिए आपको इसकी 1 से 3 ग्राम की खुराक को दिन में दो बार 4 से 6 ग्राम शहद के साथ लेना चाहिए।

यदि इन उपायों को अपनाने के बाद भी खांसी ठीक न हो तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आना चाहिए।

सुझाव :

यदि आप सर्दी, खांसी और गले में खराश की समस्या का हल चाहते है तो इसके लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

बदलते मौसम व कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग जल्दी खांसी, जुकाम और गले में खराश की समस्या के शिकार होते है, इसलिए जरूरी है की आप अगर इस तरह की समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको किसी बेहतरीन डॉक्टर के सम्पर्क में आना चाहिए और साथ ही अपने खान-पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।